सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मेरी गूँज (गुंजन राजपूत)

मेरी गूँज (गुंजन राजपूत)

  मेरी गूँज (उपन्यास/NOVEL) 'मेरी गूँज' एक ऐसा उपन्यास जिसे पढ़ने वाला लगभग हर व्यक्ति अपनी झलक देख सकता है।  For oder fill fill the link below मेरी गूँज (गुंजन राजपूत) Meri goonj written by Gunjan Rajput
हाल की पोस्ट

Hindi Speech for Republic Day (गणतंत्र दिवस पर भाषण)

  गणतंत्र दिवस पर ओजस्वी भाषण सभी को इस गौरवशाली गणतंत्र दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ।  आदरणीय प्रधानाचार्या जी, इस अंधकारमय जीवन में ज्ञान ज्योति देने वाले मेरे सभी गुरूवृंद तथा मेरे सभी साथियों।  आज का यह दिन हम सभी भारतीयों के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है। हम सब यहाँ 26 जनवरी का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं, जो हमारे देश के इतिहास में एक गौरवशाली दिन है। इस दिन हमारा देश एक गणराज्य बना और हमारा संविधान लागू हुआ और भारत के वीरों ने दृढ़ संकल्प के साथ एक नया इतिहास रच डाला। उनके सम्मान में कुछ पंक्तियाँ कहना चाहूँगी- "चलो झुक कर सलाम करें उन्हें, जिनके हिस्से में ये मुकाम आया है। खुशनसीब होता है वो खून, जो देश के काम आया है।" गणतंत्र दिवस का मतलब केवल तिरंगा फहराना और राष्ट्रगान गाना नहीं है, बल्कि इसका मतलब है कि हम अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें और उसे निभाएँ। 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ, जिसने हमें स्वतंत्रता, समानता और न्याय का अधिकार दिया। यह संविधान न केवल हमारे अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि हमारे कर्तव्यों की भी याद दिलाता है। गणत...

सड़कें (The Road) हिंदी

सड़कें   सड़कें चित्र उकेरती हैं  सजीव चित्र, विभिन्न चित्र  कहीं किसी कोने में  काले रंग से अंधकार दिखाकर  वहाँ छोटे-छोटे चूल्हे जलाकर  दिखते हैं कुछ मजबूर लोग  कुछ मजबूर लोग, कुछ मज़दूर लोग  कुछ बेपरवाह सड़कों पर खुली  साँस लेते जीवन से भरे हुए  खिले हुए लोग  तो कहीं किसी कोने में  बुरी आदतों का मारा  शीशी-बोतलों से हारा  कहीं सब कुछ लुटा चुका  कहीं सब कुछ लुटाने वाला  दिखता है एक डगमगाता आदमी  खाक छानता हुआ  खुद को बादशाह मानता हुआ  कहीं दिखती हैं कुछ बेचारी माँएँ  अपने नन्हे शिशुओं को गले से लगाए हुए  छोटी सी खुशी पर दिल से मुस्कुराए हुए  कड़कड़ाती सर्दी में सीने की गर्मी से बच्चे को सुलाए हुए  अपनी थाली का खाना उसकी भूख के लिए बचाए हुए  काली अंधेरी रात में आँखों में जीवन ज्योति जलाए हुए  वहीं कहीं दिखती हैं  पूरी सड़क घेरे चमचमाती  शोर मचाती  दो-चार-आठ पहिए की गाड़ियाँ ............. उस ठहरी सी सड़क पर भागती हुई सी  उस सोती सी रात में खुद ज...

Class 7 Hindi Revision Test from ch 9 Ek tinka tatha muhavare

Class 7 Hindi  Revision Test from ch 9 Ek tinka tatha muhavare कक्षा परीक्षा पाठ 9 एक तिनका तथा मुहावरे  समय- 30 मिनट                                                                                                                                                        कुल अंक 20

अलविदा 2024

2024 अलविदा  2024 अब तुम्हारे जाने का समय आ चुका है। तुम्हें अलविदा कहते हुए इस वर्ष का आखिरी लेख लिख रही हूँ- हम सभी जानते हैं कि समय कभी रुकता नहीं है, वह हमेशा चलायमान रहता है। इस बात का सबसे अधिक अहसास किसी वर्ष के समाप्त होने पर होता है। ये समय ऐसा होता है जब हम चाहे अनचाहे अपने बीते 12 महीनों को याद करते हैं। हमारे साथ हुए अच्छे-बुरे कामों को याद करते हैं। अपनी निजी परिस्थितियों को याद करते हैं। सबसे अधिक हम जो याद करते हैं वो होता है-  हमारे छूटे हुए काम, हमारे अधूरे काम, हमारी अधूरी इच्छाएँ इन सबको याद करते हुए हमारे अंदर कहीं न कहीं एक नकारात्मकता पैदा होने लगती है। और जल्दी ही अगर इस नकारात्मकता को रोकने का प्रयास न किया जाए तो ये बढ़ती रहती हो और कई तरीक़ों से आने वाले समय को भी खराब कर देती है।  कई बार देखा जाता है कि पहले जो लोग साल की शुरुआत में ढेरों लक्ष्य बनाते थे वो अब लक्ष्य अधूरे रहने पर नए लक्ष्य बनाना छोड़ देते हैं। सिर्फ इस डर से क्योंकि उनके मन के किसी कोने में ये विश्वास जड़ जमा लेता है कि वो जो भी लक्ष्य बनाएँगे वो पूरा नहीं कर पाएँगे। ...

Class 6 Hindi Revision Test from ch 8 satriyaa aur bihu nritya

 Class 6 Hindi  Revision Test from ch 8 satriyaa aur bihu nritya कक्षा परीक्षा पाठ 8 सत्रिया और बिहू नृत्य  समय- 30 मिनट                                                                                                                                                        कुल अंक 10 1- निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-                                                    ...

Class 7 Hindi Revision Test from ch 7 apoorv anubhav and ch 8 raheem ke dohe

  Class 7 Hindi  Revision Test from ch 7 apoorv anubhav and ch 8 raheem ke dohe कक्षा परीक्षा पाठ 7 अपूर्व अनुभव, पाठ 8 रहीम के दोहे  समय- 30 मिनट                                                                                                                                                        कुल अंक 20

journal for change

   परिवर्तन  journaling start कर दी है। ये सच है कि आप सब कुछ वो नहीं लिखते जिसे आप किसी को भी पढ़ा सकें। लेकिन आप ऐसा बहुत कुछ लिख सकते हैं जिसे कोई पढ़े तो उसे कुछ नया पता चले, या वो कुछ नया सीख पाए या फिर कुछ idea मिल जाए या कुछ भी ऐसा हो जाए कि पढ़ने वाले के जीवन में किसी न किसी तरह का कोई एक परिवर्तन आ जाए। मेरा आज का journal बदलते मौसम को ध्यान में रखते हुए लिखा जा रहा है।  कभी-कभी सोचती हूँ कि बदलाव सच में कितना ज़रूरी है। फिर हम बदलाव से क्यूँ डरते हैं? क्यूँ हमें ज़्यादातर ये ही लगता है कि बदलाव कहीं कुछ बुरा न हो जाए। प्रकृति में आते बदलाव हमें ये सिखाने का पूरा प्रयास करते हैं कि बदलाव से डरना नहीं चाहिए। कुछ बदलाव बेहद ज़रूरी होते हैं और कुछ बदलाव बहुत सुंदर होते हैं।  मौसम बदल रहा है। धीरे-धीरे हर साल हम बड़े हो रहे हैं। बड़े होने के साथ-साथ ज़िम्मेदारियाँ बढ़ रही हैं। ज़िम्मेदारियों के साथ जीवन में अनुशासन की माँग बढ़ती जा रही है। अब अगर इस परिवर्तन से डरने लग भी जाएँ तो क्या होगा? जो परिवर्तन होना है वो तो होगा ही। हमारे सहज स्वीकारने से हमारे अंद...