बाल महाभारत समसामयिकी परीक्षा- I (24-25)
प्रश्न-1 किसने राजा शांतनु को अपने सौंदर्य और नवयौवन से मोह लिया?
उत्तर- गंगा ने राजा शांतनु को अपने सौंदर्य और नवयौवन से मोह लिया ।
प्रश्न-2 पैदा होते ही गंगा अपने पुत्रों से साथ क्या किया करती थी?
उत्तर- पैदा होते ही गंगा अपने पुत्रों को नदी की बहती हुई धारा में फेंक दिया करती थी ।
प्रश्न-3 गंगा को पुत्रों को नदी में फेंकता देख कर भी राजा शांतनु कुछ क्यों नहीं कर पाते थे?
उत्तर - राजा शांतनु ने गंगा को वचन दिया था जिसके कारण वह सब कुछ देखकर भी मन मसोस कर रह जाते थे ।
प्रश्न-4 गंगा राजा शांतनु को छोड़ कर वापस क्यों चली गई?
उत्तर - राजा शांतनु ने गंगा को अपने आंठवे बच्चे को फेंकने से रोक कर अपना वचन तोड़ दिया था इसलिए गंगा उन्हें छोड़ कर वापस चली गयी ।
प्रश्न-5 भीष्म पितामह कौन थे?
उत्तर - गंगा और राजा शांतनु के आंठवे पुत्र देवव्रत थे जो आगे चलकर भीष्म पितामह के नाम से विख्यात हुए ।
प्रश्न-6 देवव्रत को पिता शांतनु के चिंतित होने का कारण किस प्रकार पता चला?
उत्तर - देवव्रत को पिता शांतनु के चिंतित होने का कारण उनके सारथी से पूछताछ करने से पता चला।
प्रश्न-7 देवव्रत का नाम भीष्म क्यों पड़ा?
उत्तर - देवव्रत का नाम भीष्म इसलिए पड़ा क्योंकि उन्होंने आजन्म ब्रह्मचारी रहने की कठोर प्रतिज्ञा की थी।
प्रश्न-8 सत्यवती और शांतनु के कितने पुत्र हुए?
उत्तर - सत्यवती और शांतनु के दो पुत्र हुए - चित्रांगद और विचित्रवीर्य।
प्रश्न-9 राजा शांतनु के बाद कौन हस्तिनापुर के सिहांसन पर बैठा?
उत्तर - राजा शांतनु के बाद चित्रांगद हस्तिनापुर के सिहांसन पर बैठा।
प्रश्न-10 चित्रांगद के युद्ध में मारे जाने के बाद हस्तिनापुर की राजगद्दी किसे दी गयी?
उत्तर - चित्रांगद के युद्ध में मारे जाने के बाद हस्तिनापुर की राजगद्दी विचित्रवीर्य को दी गयी।
प्रश्न-11 विचित्रवीर्य की कितनी रानियाँ थीं? उनके नाम लिखें।
उत्तर - विचित्रवीर्य की दो रानियाँ थीं - अंबिका और अंबालिका।
प्रश्न-12 अंबिका और अंबालिका के पुत्रों के नाम लिखें।
उत्तर - अंबिका के पुत्र थे धृतराष्ट्र और अंबालिका के पुत्र थे पांडु ।
प्रश्न-13 विदुर कौन थे?
उत्तर- विचित्रवीर्य की रानी अंबालिका की दासी के पुत्र आगे चलकर विदुर के नाम से प्रख्यात हुए।
प्रश्न-14 विदुर के विशिष्ट गुण क्या थे?
उत्तर- उनका ज्ञान धर्मशास्त्र तथा राजनीति में अथाह था। वह बड़े निःस्पृह थे और उन्हें क्रोध नहीं आता था।
प्रश्न-15 किसने विदुर को राजा धृतराष्ट्र का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था और क्यों?
उत्तर - पितामह भीष्म ने विदुर को उनके विवेक तथा ज्ञान से प्रभावित होकर उन्हें राजा धृतराष्ट्र का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।
प्रश्न-16 राजा शूरसेन कौन थे?
उत्तर- यदुवंश के प्रसिद्ध राजा शूरसेन श्रीकृष्ण के पितामह थे।
प्रश्न- 17 राजा शूरसेन की कन्या का क्या नाम था?
उत्तर- राजा शूरसेन की कन्या का नाम पृथा था।
प्रश्न-18 कुंतीभोज कौन थे?
उत्तर - राजा शूरसेन के फुफेरे भाई का नाम कुंतीभोज था।
प्रश्न-19 राजा शूरसेन ने कुंतीभोज को क्या वचन दिया था?
उत्तर - राजा शूरसेन ने कुंतीभोज को वचन दिया था कि उनकी जो पहली संतान होगी, उसे कुंतीभोज को गोद दे देंगें।
प्रश्न-20 कुंतीभोज के यहाँ आने पर पृथा का नाम क्या पड़ गया?
उत्तर - कुंतीभोज के यहाँ आने पर पृथा का नाम कुंती पड़ गया।
प्रश्न-21 पांडवों ने कौन-कौन से ऋषियों से अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा पाई?
उत्तर- पांडवों ने पहले कृपाचार्य से और बाद में द्रोणाचार्य से अस्त्र - शस्त्र की शिक्षा पाई।
प्रश्न-22 कर्ण कौन था और उसने दुर्योधन से क्या कहा?
उत्तर- कर्ण अधिरथ द्वारा पोषित कुंती पुत्र था। कर्ण ने दुर्योधन से कहा कि वह अर्जुन से द्वंद्ध युद्ध और उससे मित्रता करना चाहता है।
प्रश्न- 23 इंद्र को किस बात का डर था?
उत्तर - इंद्र को डर था कि भावी युद्ध में कर्ण की शक्ति से अर्जुन पर विपत्ति आ सकती है।
प्रश्न- 24 इंद्र ने बूढ़े ब्राह्मण का वेश क्यों धारण किया?
उत्तर - इंद्र को डर था कि भावी युद्ध में कर्ण की शक्ति से अर्जुन पर विपत्ति आ सकती है। इस कारण कर्ण की शक्ति कम करने की इच्छा से उन्होंने बूढ़े ब्राह्मण का वेश धारण करके अंग नरेश कर्ण से उनका जन्मजात कवच और कुंडल भिक्षा में माँग लिया।
प्रश्न-25 बूढ़े ब्राह्मण के वेश में इंद्र ने कर्ण से क्या भिक्षा माँगी?
उत्तर - बूढ़े ब्राह्मण के वेश में इंद्र ने कर्ण से उनका जन्मजात कवच और कुंडल भिक्षा में माँगी।
प्रश्न-26 दुर्योधन ने किसकी अनुमति से कर्ण को अंग देश का राजा बना दिया?
उत्तर - दुर्योधन ने पितामह भीष्म एवं पिता धृतराष्ट्र की अनुमति से कर्ण को अंग देश का राजा बना दिया।
प्रश्न-27 सूर्यदेव ने कर्ण को किस बात के लिए सचेत किया?
उत्तर - कर्ण को सूर्यदेव ने पहले ही सचेत कर दिया था कि उसे दोखा देने के लिए इंद्र ब्राह्मण का वेश धारण करके आयेंगें।
प्रश्न-28 कर्ण एक दानवीर था। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - कर्ण इतना दानी था कि किसी के कुछ माँगने पर वह मना कर ही नहीं सकता था। इस कारण यह जानते हुए भी कि भिखारी के वेश में इंद्र धोखा कर रहें हैं, कर्ण ने अपने जन्मजात कवच और कुंडल निकालकर उनको भिक्षा में दे दिए।
प्रश्न-29 इंद्र क्या देखकर चकित रह गए?
उत्तर - इंद्र कर्ण की अदभूत दानवीरता को देखकर चकित रह गए।
प्रश्न-30 कर्ण ने देवराज इंद्र से क्या वरदान माँगा?
उत्तर - कर्ण ने देवराज से कहा कि अगर वह उससे प्रसन्न हैं, तो शत्रुओं का संहार करनेवाला वह अपना 'शक्ति' नामक शास्त्र उसे प्रदान करें।
बाल महाभारत अर्धवार्षिक परीक्षा- I (24-25)
प्रश्न 1. गंगा ने शांतनु से कहा- “राजन! क्या आप अपना वचन भूल गए।” आपके विचार से शांतनु ने गंगा को क्या वचन दिया होगा?
उत्तर- हमारे विचार से शांतनु ने गंगा को यह वचन दिया होगा कि वह उनसे पुत्र पाने की कामना नहीं करेंगे और वह उसके किसी भी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करेंगे और कोई प्रश्न नहीं पूछेंगे।
प्रश्न 2. महाभारत के समय में राजा के बड़े पुत्र को अगला राजा बनाने की परंपरा थी। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए बताओ कि आपके अनुसार किसे राजा बनाया जाना चाहिए था-युधिष्ठिर या दुर्योधन को? अपने उत्तर का,कारण भी बताओ।
उत्तर- महाभारत के समय में राजा के बड़े पुत्र को अगला राजा बनाने की परंपरा थी। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए युधिष्ठिर को राजा बनाया जाना चाहिए था, क्योंकि हस्तिनापुर की गद्दी के उत्तराधिकारी पांडु थे। अतः उनके बड़े पुत्र को गद्दी मिलनी चाहिए थी। यदि यह भी मान लें कि धृतराष्ट्र भी तो राजा थे, तब भी युधिष्ठिर गद्दी के हकदार बनते हैं क्योंकि वे दुर्योधन से बड़े थे।
प्रश्न 3. महाभारत के युद्ध को जीतने के लिए कौरवों और पांडवों ने अनेक प्रयास किए। आपको दोनों के प्रयासों में जो उपयुक्त लगे हों, उनके कुछ उदाहरण दो।
उत्तर- महाभारत के युद्ध को जीतने के लिए कौरवों और पांडवों दोनों ने नैतिक और अनैतिक दोनों तरीके को अपनाया। इस कहानी के अनैतिक तरीकों को छोड़ दिया जाए तो पांडवों के तरीके हमें कुछ हद तक सही लगे। मसलन अपने मित्रों की सहायता लेना। दूसरा युधिष्ठिर का भीष्म, द्रोण, कृप, शल्य से युद्ध करने की आज्ञा लेना। तीसरा पांडवों के द्वारा श्रीकृष्ण को अपने साथ लेना। पांडवों द्वारा कौरव पक्ष के लोगों की सहानुभूति पा लेना।
प्रश्न 4. आपके विचार से महाभारत के युद्ध को कौन रोक सकता था? कैसे?
उत्तर- हमारे विचार से महाभारत के युद्ध को पितामह भीष्म और आचार्य द्रोण रुकवा सकते थे, क्योंकि यदि पितामह भीष्म और आचार्य द्रोण दुर्योधन के अन्याय का समर्थन नहीं करते, तो कृपाचार्य और अश्वत्थामा भी उनका साथ नहीं देते। तब कौरव कमजोर पड़ जाते और इन लोगों के अनुपस्थिति में दुर्योधन युद्ध करने में समर्थ नहीं हो पाता।
प्रश्न 5. इस पुस्तक में से कोई पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर-
(i) नीचा दिखाना – दुर्योधन का प्रयास सदैव पांडवों को नीचा दिखाने का रहता था।
(ii) काम तमाम करना – भीम ने दुर्योधन का काम तमाम कर दिया।
(iii) खलबली मचना – अश्वत्थामा के आते ही कौरव सेना में खलबली मच गई।
(iv) दंग रहना – अभिमन्यु के युद्ध-कौशल को देखकर कौरव-सेना दंग रह गई।
(v) नाक में दम करना – घटोत्कच ने अपने प्रहारों से कर्ण की नाक में दम कर दिया था।
प्रश्न 6. महाभारत में एक ही व्यक्ति के एक से अधिक नाम दिए गए हैं, बताओ, नीचे लिखे हुए नाम किसके हैं?
पृथा | राधेय | वासुदेव |
गांगेय | सैरंध्री | कंक |
उत्तर-
पृथा – कुंती
राधेय – कर्ण
वासुदेव – श्रीकृष्ण
गांगेय – देवव्रत, भीष्म
सैरंध्री – द्रौपदी
कंक – युधिष्ठिर
प्रश्न 7. आपके अनुसार महाभारत कथा में किस पात्र के साथ सबसे अधिक अन्याय हुआ और क्यों?
उत्तर- हमारे विचार से सबसे अधिक अन्याय कर्ण के साथ हुआ है। जैसे-
सूर्य-पुत्र कर्ण को उसकी जन्मदात्री ने त्याग दिया।
शस्त्र-परीक्षण के दिन पहचान लेने के बाद भी कुंती ने उसे नहीं अपनाया।
उत्तम कुल में उत्पन्न होकर भी वह सूत-पुत्र कहलाया।
इंद्र ने उसके साथ छल किया।
परशुराम ने उसे शाप दिया।
अर्जुन ने उसे छल से मारा।।
प्रश्न 8. महाभारत के युद्ध में किसकी जीत हुई? (याद रखो कि इस युद्ध में दोनों पक्षों के लाखों लोग मारे गए थे)
उत्तर- महाभारत के युद्ध में पांडवों की जीत हुई क्योंकि पाँचों पांडव जीवित बच गए जबकि कौरव-पुत्रों में से कोई न बचा। इसके अलावा दोनों पक्षों में लाखों आदमी मारे गए।
प्रश्न 9. दुर्योधन ने पांडवों को वारणावत के मेले में भेजने के लिए किस प्रकार अपने पिता धृतराष्ट्र पर दबाव डाला?
उत्तर - दुर्योधन ने धृतराष्ट्र पर दबाव डालने के लिए कुछ कूटनीतिज्ञों को अपने पक्ष में मिला लिया और वे बारी- बारी से धृतराष्ट्र के पास जाकर पांडवों के विरुद्ध उन्हें उकसाने लगे ।
प्रश्न 10. पांडवों को वारणावत भेजने में दुर्योधन की क्या सोच थी?
उत्तर- दुर्योधन ने पुरोचन से कह कर वारणावत में लाख का भवन बनवाया था । दुर्योधन की योजना थी कि कुछ दिनों तक पांडवों को लाख के भवन में आराम से रहने दिया जाए और जब वे पूर्ण रूप से निःशंक हो जाएँ, तब रात में भवन में आग लगा दी जाए, जिससे पांडव तो जलकर भस्म हो जाएँ और कौरवों पर भी कोई दोष न लगा सके।
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