शुभ कृष्णाष्टमी/ कृष्ण जन्माष्टमी
जब रात्रि पर घने तिमिर का घेरा था
जब सैनिक खड़े माँ देवकी के द्वारे थे
जब वारि ले घन उमड़-उमड़ के आये
तब भारत-मही में योगिराज कृष्ण पधारे थे
जब पापियों का चहुँ ओर बोलबाला था
रिश्तों को स्वार्थों के पलड़े तौला जाता था
जब वासुदेव सात संतानों की रक्षा में हारे थे
तब भारत-मही में आठवीं संतान कृष्ण पधारे थे
जब द्वापर के अंत होने में कुछ समय बचा था
जब धर्म को छिपा कर हर तरफ अधर्म रचा था
जब कंस जरासंध के अत्यचारों से तंग बंधुजन हमारे थे
तब इसी भारत-मही में योगिराज कृष्ण पधारे थे
सभी को योगिराज श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के पावन पर्व की अनेकों शुभकामनाएँ...शुभ कृष्ण जन्माष्टमी
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